स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानियों की गौरवगाथा को नमन करते हुए प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत में स्वतंत्रता दिवस समारोह अत्यंत हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। विद्यालय परिसर देशभक्ति
प्रातः कालीन बेला में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रभात फेरी निकाली, जिसमें उन्होंने पूरे जोश के साथ देशभक्ति के नारे लगाए—
"इंकलाब जिंदाबाद!"
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले!"
"भारत माता की जय!"
विद्यालय परिसर में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानाध्यापिका श्रीमती मृदुला मिश्रा एवं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्री दुर्गेश सिंह ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को नमन किया। समस्त उपस्थित जनसमुदाय ने राष्ट्रगान के सामूहिक गान के साथ भारत माता के चरणों में श्रद्धा अर्पित की। इसके पश्चात महापुरुषों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदानों को याद किया गया।
समारोह का शुभारंभ माता सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जिसके पश्चात विद्यालय के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत काव्यपाठ, नाटक एवं समूहगान प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। नन्हे बच्चों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों में लौटा दिया, जहां भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बलिदानों का स्मरण किया गया।
इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका श्रीमती मृदुला मिश्रा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष, भारतीय संविधान की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा—
"यह स्वाधीनता हमें असंख्य वीरों के बलिदान से प्राप्त हुई है, इसकी रक्षा करना हम सभी का परम कर्तव्य है। हमें एक आदर्श नागरिक बनकर देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।"
विद्यालय के होनहार छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। इस
अवसर पर सभी को मिष्ठान्न वितरण कर स्वतंत्रता का उत्सव मनाया गया।
समारोह में विद्यालय परिवार के साथ-साथ ग्रामवासी, अभिभावक एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें सहायक अध्यापक आशुतोष भूषण सिंह, आशुतोष नाथ तिवारी एवं श्रीमती प्रियंका यादव सहित कई शिक्षाविद् सम्मिलित हुए।
विद्यालय प्रांगण में गूंजते राष्ट्रभक्ति के जयघोष और तिरंगे की लहराती आभा के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बलिदानों की स्मृति संजोए, सभी ने अपने हृदय में राष्ट्र के प्रति समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की भावना लिए विदा ली।